Everything about shiv chalisa lyrics english
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।
तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो।
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
जो सत get more info बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
अर्थ- हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।